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Sunday, July 28, 2024

गवली से : ईसाई बने लोगों की घर वापसी होनी चाहिये या नहीं ?

समाज मे कुछ लोग ये पक्ष मे है की ईसाई धर्म के नाम से भटक गये अपने समाज के बंधुओ को फिर से समाज मे लेना चाहिये ! पर वो सब फिर से आना चाहते है तो ! घर वापसी करना चाहते तो अछी बात है या नहीं उस पर विचार होना जरूरी है !पर सामूहीक समेलन मे शादी कर के घर वापसी सही नहीं ! इस का विरोध किया जा रहा है घर वापसी करने के लिये अग्रेजों के समय से आर्य समाज व हिन्दू संघटना ने बहुत से यज्ञ कीये है पवित्र कर घर वापसी की किया जाना चाहिये ये एक पक्ष का कहना है समाज मे लेना चाहिए क्यू की समाज का एक परिवार अगर समाज से टुट जाता है तो उस के रिस्तेदार आस पास क 9 से 10 परिवार तक फर्क पड़ता है पहले ही अपने समाज से 108 गोत्र थे !  उसमे सिर्फ 64 गोत्र बचे है!  बाकी 44 गोत्र का एक समाज बन गया है जिसे सब मुस्लिम गवली या गधे गवली कहते है ! 64 गोत्र मे दूसरे समाज मे लड़की की शादी होने के कारण कितने घर पहले ही समाज से दूर होते जा रहे है ! सिर्फ ईसाई धर्मं का विषय नहीं समाज छोड के जाने के तो बहुत से रास्ते है समाज उन रास्तों पर चलना सुरू भी किया है जैसे : समाज बन्दु ओ ने कोई मुर्दे की पूजा कर रहे है तो कोई दरगा पर चादर दान कर है बखरा मार कर खिला कर प्रसाद देते है सभी समाज के मूल सिद्धांत के खिलाफ ही है ! ये लोग आज समाज मे है पर आगे का रास्ता जो दूसरे धर्म की ओर जा रहा है क्या आगे इनका मन गलवी समाज मे रह पायेगा  !  भगवान कभी नहीं बोलते ये मटन का प्रसाद होना अपना समाज दूध दही खाने वाला समाज है ओर हमारा प्रसाद माखन होना चाहिये ! पिता गवली है ओर माँ दूसरी समाज उनके बच्चे फिर उनके बच्चे वो आज भी समाज मे लड़कीयो दे या कर रहे है ! तब जरुत है बहु बेटी की तो आप अलग कर के शादी कर ते है तो फिर समेलान मे शादी ये एक सजा (पनिसमेंट) की तरह है आप की एक गलती आप की पीड़ी को समेलन मे शादी नहीं कर ने दे सकता ! यदि समेलन मे शादी ली जाती है तो फिर अडनी की शादी मे क्या गलत है !उस मे तो वर या वधू की कोई गलती नहीं होती गलती उनके माँ बाप की होती है समेलंन के नियम यादी मे 12 नबर या किसका 15 नबर का नियम है वर या वधू की 3 पीड़ी गवली होना जरूरी है ! ओर ये जरूरी है समाज आप का घर वापसी पर खुश से घर पर करे समाज को बुलावा दे करे  ! 



ओर इस मे जो दूसरा पक्ष इसके विपरीत है इनका कहना है ईसाई धर्म को अपना ने वाले लोग अगर गवली समाज मे ऐसे समाज के सामूहिक कार्य मे आने या शादी करने लगे तो एक दिन गवली समाज पूरी तरह से ईसाई किरचन बन जाए गा एक बार जिस ने गाय का मास खा लिया क्या वो फिर से गवली बन सकता है ? गाय की रक्षा करने वाले गाय खाने वाले समान होते है ऐसा  कोई गवली व्यक्ति नहीं है जिसने गौ माता का दूध ना पिया हो। जिस गाय ने हमें जीवन भर अपना दूध पिलाया  उस का मास खाने वाले क्या अपनी माँ का मास खा सकते है ईसाई धर्म मे अपने रिस्ते की कोई अहिमीयत नहीं होती है समाज को एक बार जीन लोगों ने छोड़े कर ईसाई धर्म अपना लिया !  वो क्यू आना चाहता है ? किस लिये ? किसके कहने पर ? इसके पीछे कोई मास्टर है क्या  समाज मे आना है ओर समाज के कितने घर ईसाई बनाना चाहते है इनका मकसद है समाज मे ईसाई धर्म का विस्तार कर ना !  एक बार ईसाई मसीन अपने समाज मे आ चुकी थी पर उस समय पर उनको गवली के नाम का डर था इसलिए वो जादा कुछ नहीं कर पाई ! पर अब उनको हमरे बीच के कुछ लोगों जोड़ ने से डर खतम हो गया है ! अब उनको पता है 60% समाज गरीब है गरीब को पैसे का लालच देकर युवा को शादी का लालच देकर ओर समाज को तोड़ कर समाज का विनाश करना आसान अगर हम आज इनका विरोध नहीं करे तू एक दिन हमारी आनेवाली पीड़ी ईसाई बन चुकी होगी क्या आप यकीन कर सकते हो जो तोड़े से पैसे के लिये गवली समाज को छोड कर ईसाई बनकर गाय खा सकते है क्या ओर पैसे के लिये समाज के ओर लोगों को ईसाई बनेने के लिये मजबूर कर सकते है क्या ये गवली बने का नाटक कर अंदर से ईसाई है इस का क्या प्रोफ है समाज इस का विरोध करता है ओर इसका सही फैसला होना जरूरी है आनेवाले पीड़ी के लिये अगर अभी नहीं रुका गया तो मुस्लिम गवली के बाद ईसाई गवली की जनसख्या अहीर गवली से जादा हो सकती है



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